किसी दिन आरम्भिक मध्यरात्रि से लेकर अन्त वाली मध्यरात्रि तक कुल १०४ बार कुण्डली में ग्रहों के भाव अथवा लग्न में परिवर्तन होता है । उन सभी कुण्डलियों की परस्पर तुलना करके सर्वोत्तम लग्नकाल का निर्धारण करना चाहिए । बिना कम्प्यूटर के एसा करना अत्यधिक कठिन है । अतः २२ वर्ष पुराने “भावान्त” सॉफ्टवेयर के आउटडेटेड फीचरों को हटाकर यह सॉफ्टवेयर अपलोड किया जा रहा है जिसका डाउनलोड लिंक है=
इससे एक जिप फाइल डाउनलोड होगी । उसे पहले अनजिप कर लें । तब Bhavaant नाम का फोल्डर मिलेगा जिसे विण्डो−कम्प्यूटर के किसी भी पथ में कॉपी कर लें । उस फोल्डर में Bhavaant.kkk नाम का फाइल मिलेगा जिसका नाम बदलकर Bhavaant.exe कर दें । इसे रन करने पर १६ सेकण्ड में पूरे दिन की सभी कुण्डलियाँ Bhavaant फोल्डर के अन्दर KUNDALIS नाम के सब−फोल्डर में बनेंगी । उनको किसी भी फोटो प्रोग्राम में देखें । आगे−पीछे वाले तीर−बटन द्वारा सभी कुण्डलियों की द्रुत गति से तुलनात्मक जाँच कर सकते हैं ।
कौन सी कुण्डली अधिक शुभ वा अशुभ है इसके पराशरी होरा वाले सामान्य नियमों का पालन करें । इसके द्वारा सभी लोगों पर लागू सामान्य लग्न का पता चलेगा ।
व्यक्तिविशेष हेतु गोचर का पता लगाना हो तो उसके लिये कुण्डली सॉफ्टवेयर के अष्टकवर्ग का प्रयोग करें । प्रस्तुत भावान्त−सॉफ्टवेयर व्यक्तिविशेष हेतु गोचर के लिए नहीं है,किन्तु गोचर बनाना जानते हैं तो इसका लाभ उठा सकते हैं ।
२२ वर्ष पुराने “भावान्त” सॉफ्टवेयर के जिन आउटडेटेड फीचरों को हटाया गया उनमें कई अतिरिक्त सुविधायें थीं किन्तु माइक्रोसॉफ्ट ने उन उत्कृष्ट फीचरों को बाद में प्रतिबन्धित कर दिया ।
“भावान्त” सॉफ्टवेयर १४७८ ई⋅ में बनी सूर्यसिद्धान्तीय मकरन्द सारिणी पर आधारित है जिसका उपयोग आज भी मिथिला के सभी पञ्चाङ्गों,काशी के हृषीकेश पञ्चाङ्ग की पञ्चाङ्ग−सारिणी,तथा उत्तर से दक्षिण भारत तक सैकड़ों पारम्परिक पञ्चाङ्गों में अभी भी होता है । मेरे कुण्डली−सॉफ्टवेयर तथा पञ्चाङ्ग−सॉफ्टवेयर में विशुद्ध सूर्यसिद्धान्तीय सूत्रों द्वारा गणना होती है जो मकरन्द सारिणी की तुलना में अधिक शुद्ध हैं । किन्तु अन्तर बहुत नहीं होता । अतः मकरन्द सारिणी पर आधारित भावान्त−सॉफ्टवेयर भी व्यवहार करने योग्य है । आजकल के मकरन्दीय पञ्चाङ्गों में सारिणी तो मकरन्दीय प्रयुक्त होती है किन्तु पद्धति ग्रहलाघवीय है जो भारतीय परम्परा की विरोधी और इस्लामी ज्योतिष से प्रभावित है । भावान्त−सॉफ्टवेयर की पद्धति सूर्यसिद्धान्तीय है । समय मिला तो पुरानी सूर्यसिद्धान्तीय मकरन्द सारिणी के स्थान पर सूर्यसिद्धान्तीय सूत्रों पर भावान्त−सॉफ्टवेयर को नवीनीकृत कर दिया जायगा ।
२२ वर्षों से यह सॉफ्टवेयर केवल मेरे पास था क्योंकि इसके अनेक फीचरों को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा प्रतिबन्धित किये जाने के कारण यह सॉफ्टवेयर मेरे कम्प्यूटर में भी कार्य नहीं कर रहा था । आज ही (२६ अप्रैल २०२२ ई⋅) वितरण योग्य बना है ।
अपडेट
निम्न नवीनतम अपडेट डाउनलोड करें और अनजिप करके सम्पूर्ण उपरोक्त प्रोग्राम को रिप्लेस करें ।
Update-28 Apr 2022
इस वर्सन में तीन परिवर्तन किये गये हैं ।
डिफॉल्ट स्थान काशी विश्वनाथ मन्दिर का दे दिया गया है ।
वर्तमान वर्ष,मास तथा दिन स्वतः प्रोग्राम में आने का प्रावधान कर दिया गया है । स्थान और समय आप बदल सकते हैं ।
हेल्प बटन के अन्तर्गत “स्थानभाव” का अर्थ स्पष्ट कर दिया गया है जो कुण्डली सॉफ्टवेयर के देशचक्र का प्रयोग करने वालों के लिए है । इसका लाभ यह है कि देशचक्र में चयनित स्थान का पूरे २४ घण्टों का भावान्त−काल देख सकते हैं;यह सुविधा कुण्डली सॉफ्टवेयर में नहीं है । उन २४ घण्टों में वृष्टि,राजनैतिक घटना,अर्थव्यवस्था आदि जो कुछ आप देखना चाहते हैं उसका शुभ अथवा अशुभ काल “भावान्त” सॉफ्टवेयर में देख सकते हैं और देशचक्र में उस काल का विस्तृत फलादेश कुण्डली सॉफ्टवेयर में उसी काल से बनाकर देख सकते हैं । कुण्डली सॉफ्टवेयर में किसी काल का फल देखने के लिए दाहिनी ओर वाञ्छित समय दर्ज करके “NOW” बटन दबायें,तब वर्षफल के पाँचों स्तरों के मान और वाञ्छित समय में सूर्यांश मिलेगा । तब कुण्डली सॉफ्टवेयर के “कमेण्ट” बॉक्स में सबकुछ मिटाकर केवल उस सूर्यांश को टङ्कित करें और नीचे “लेवल” को ७ रखकर “स्टार्ट” बटन दबायें,वाञ्छित समय का देशचक्र वा मेरुचक्र मिलेगा । अभी “भावान्त” सॉफ्टवेयर में मेरुचक्र का स्थानभाव नहीं है,केवल देशचक्र का स्थानभाव है ।